अन्न ग्रहण करने से पहले
विचार मन मे करना है
किस हेतु से इस शरीर का
रक्षण पोषण करना है
हे परमेश्वर एक प्रार्थना
नित्य तुम्हारे चरणो में
लग जाये तन मन धन मेरा
विश्व धर्म की सेवा में ॥
ब्रहमार्पणं ब्रहमहविर्ब्रहमाग्नौ ब्रहमणा हुतम् ।
ब्रहमैव तेन गन्तव्यं ब्रहमकर्मसमाधिना ॥
ॐ सह नाववतु ।
सह नौ भुनक्तु ।
सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्विनावधीतमस्तु ।
मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:: ॥
— Поделился в поезде химик из Рурки.
Перевод санскрита с сайта Hindu Swayamsevak Sangh USA:
The items we use to feed ourselves are Brahman. The food itself is Brahman. The fire of hunger we feel is Brahman. We are Brahman and the process of eating and digesting the food is the action of Brahman. Finally, the result we obtain is Brahman. – Bhagavad Gita
Let us protect each other.
Let us eat together.
Let us work together.
Let us study together to be bright and successful.
Let us not hate each other.
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