пятница, 17 марта 2017 г.

Sri Durga ji Arati

Upcoming...



जय  दुर्गा  माँ !


Sri Durga ji Arati 


Ambe tu hai Jagdambe Kali,
Jai Durge Khappar wali.
Tere hi gun gaayen bhaarti,
O Maiya, hum sab utaaren teri aarati.

Tere bhakt janon pe Mata,
bhir padi hai bhaari.
Daanav dal par toot pado Maa,
karake sinh savaari.

Sau sau sinhon se tu balshaali,
asht bhujaon wali.
Dushto ko pal mein sanghaarati,
O Maiya, hum sab utaaren teri aarati.

Maa bete ka hai is jag mein,
bada hi nirmal naata.
Poot kapoot soone hain par,
na maata suni kumaata.

Sab pe karuna darasaane vaali,
amrit barasaane vaali.
Dukhiyon ke dukhade niwaarati,
O Maiya, hum sab utaaren teri aarati.

Nahin maangate dhan aur daulat,
na chaandi, na sona.
Ham to maange Maa tere man mein,
ik chhota sa kona.

Sabaki bigadi banaane vaali,
laaj bachaane vaali.
Satiyon ke sat ko sanvaarati,
O Maiya, hum sab utaaren teri aarati.

Ambe tu hai Jagdambe Kali,
Jai Durge Khappar wali.
Tere hi gun gaayen bhaarati,
O Maiya, hum sab utaaren teri aarati.

O Maiya, hum sab utaaren teri aarati.
O Maiya, hum sab utaaren teri aarati.

आरती श्री दुर्गाजी 


अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती॥

तेरे भक्त जनों पे माता,
भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ,
करके सिंह सवारी॥

सौ सौ सिंहों से तु बलशाली,
अष्ट भुजाओं वाली।
दुष्टों को पल में संघारती,
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती॥

माँ बेटे का है इस जग में,
बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत कपूत सूने हैं पर,
ना माता सुनी कुमाता॥

सब पे करुणा बरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली॥
दुखियों के दुखडे निवारती,
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत,
ना चाँदी, ना सोना।
हम तो मांगे माँ तेरे मन में,
इक छोटा सा कोना॥

सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली।
सतियों के सत को संवारती,
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती॥

ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती॥
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती॥

Комментариев нет:

Отправить комментарий